स्व0 अटल बिहारी बाजपेयी जी को श्रद्धांजलि के दो शब्द!
16/8/18 को जब अटल बिहारी मर रहे थे।।
एक अकेला चल दिए, फिर कारवाँ बनता गया।
हर गली हर शहर में, कमल पूष्प खिलता गया।।
जश्ने आज़ादी मन रही थी, प्राण को रोके रहे।
भीष्म पितामह के तरह ही, काल को टोके रहे।।
श्रधांजलि देने के लायक, शब्द भी मिलते नही।
कुछ तो ऐसे फूल हैं जो, हर समय खिलते नहीं।।
Very Nice poem
ReplyDeleteNice poem 👌👌😊😊
ReplyDeleteOutstanding poem
ReplyDeleteSuperbbb...
ReplyDeleteदमदार काव्य
ReplyDeleteLajLaj
ReplyDeleteWooooow superb poyem
ReplyDeleteJordaar shabdo ka prayog..
ReplyDeleteBahut khub
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